April 29, 2024
mosquito : मलेरिया

क्या मानसून के बाद बढ़ेगा मलेरिया का प्रकोप ? जानिए मौसम के बदलते प्रभाव और मलेरिया के बारे में सबकुछ

मलेरिया एक ऐसा संक्रामक रोग है जो मच्छरों के काटने से फैलता है वो भी मादा मच्छर के द्वारा। मुख्य रूप से इस बीमारी में प्लास्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasite) कारण होता है जो अधिकतर विषमसृजन मच्छरों के काटने से मनुष्य के रक्त में प्रवेश करके बीमारी फैलाता है। पूरे विश्व में हर साल लाखों लोग इस रोग से पीड़ित होते हैं। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अपना देश भारत है। यहाँ तो हर साल ना जाने कितने व्यक्ति इस रोग से ग्रसित होते है।

क्या मानसून के बाद बढ़ेगा मलेरिया?

मलेरिया एक प्रकार की बुखार का रोग है जो मादा मच्छरों के काटने से फैलता है। इस बीमारी का कारण एक प्रकार का प्लास्मोडियम परजीवी होता है, जिसेके काटने से मनुष्य के शरीर में ये परजीवी प्रवेश करता है जिससे फिर शरीर रोगी हो जाता है। यह परजीवी मनुष्य के रक्त में रहकर उसके रक्तवाहिनियों में घुस जाता है और उसके सेलों को नष्ट करने लगता है जिसके प्रतिकार में मनुष्य का शरीर बुखार और शरीर के दर्द का सामना करता है।

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मौसम के परिवर्तन के समय अकसर मच्छर ज्यादातर गर्मी और उमस से भरे वातावरण में पाए जाते हैं जिससे यह बीमारी फैलने की संभावना ओर भी बढ़ जाती है। इसके बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कीटनाशकों का अधिक उपयोग हो सकता है ये भी हो सकता है की इलाके में स्वच्छता की कमी और समुदायों में जागरूकता की कमी हो। इसके बढ़ने के बारे में सटीक सटीक जानकारी और इससे बचाव के उपायों को समझने के लिए हमे अलग अलग विषयों पर विचार करना चाहिये।

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mosquito मानसून के बाद बढ़ेगा मलेरिया
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मलेरिया होने के प्रमुख कारण कौन से है ?

मलेरिया का प्रमुख कारण मच्छरों के जीवन के विभिन्न चरणों में होने वाले परिवर्तन हैं। मॉस्किटों के जीवन चक्र में कुछ मुख्य चरण हैं जो इस रोग के फैलने को प्रभावित करते हैं :

1. अंडे डिपाजिट होना

विभिन्न प्रकार के मच्छर अलग-अलग जगहों पर अपने अंडे डालते हैं जो ज्यादातर पानी के किनारे या रुके हुए पानी में मिलते हैं। ये अंडे कुछ समय में मलेरिया जीवाणु को प्रतिष्ठित करते हैं और मॉस्किटों के उम्रदराज में बदल जाते हैं।

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2. विकसित होना

जब अंडे से निकले मलेरिया जीवाणु पूर्ण विकसित होते हैं तो वे खुद भीगे परिवेश में शिकार की तलाश में निकल पड़ते हैं। इस समय पर वे लोगों को काटने के लिए तैयार रहते हैं और इस तरीके से मलेरिया को फैलाते हैं।

मलेरिया के प्रकार के बारे में जाने :

मलेरिया के कई प्रकार होते हैं जिनमें से पाँच प्रकार सबसे आम हैं। इन प्रकारों के बारे में थोड़ी जानकारी नीचे दे दी गई है:

प्रकारसंक्रामक जीवाणुबायोलॉजिकल वेक्टररोग का प्रकार
प्लासमोडियम फैलिसिपरमप्लास्मोडियम विवैक्सअनोपलेस मॉस्किटो (Anopheles)सबसे साधारण रूप से पाया जाने वाला मलेरिया
प्लासमोडियम विवैक्सप्लास्मोडियम विवैक्सआईसीजी मॉस्किटो (Aedes)डेंगू बुख़ार के साथ जुड़ा हुआ
प्लासमोडियम मलारिएप्लास्मोडियम विवैक्सक्यूली मॉस्किटो (Culex)अन्य मलेरिया के प्रकारों से अलग होता है
प्लासमोडियम ऑवलेप्लास्मोडियम विवैक्समैंस्टो मॉस्किटो (Mansonia)ब्रूसेलोजिस जैसे रोगों से जुड़ा हुआ
प्लासमोडियम फाल्सिपरमप्लास्मोडियम विवैक्सआनोफ़िलेस मॉस्किटो (Anopheles)भारत में कम पाया जाने वाला प्रकार

क्या मानसून के आगमन से मलेरिया बढ़ सकता है?

क्या मानसून के बाद बढ़ेगा मलेरिया का प्रकोप
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जैसा कि पहले भी उल्लेख किया गया है, मलेरिया बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मानसून के आगमन के समय मॉस्किटों की वृद्धि और संख्या में बढ़ोतरी भी महत्वपूर्ण कारक हो सकती है। मानसून सीजन में वृद्धि और भीगे भगवान मच्छरों की संख्या ज्यादा होती है, जो इस रोग को फैलाने के लिए अधिक अवसर प्रदान करते हैं।

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इस समय, लोग अधिकतर खुले जगहों पर रहते हैं और ज्यादा पानी इकट्ठा होता है जो भीगे मच्छरों को आकर्षित करता है। इन मच्छरों के काटने से मलेरिया के जीवाणु एक व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं और बीमारी का कारक बन जाते हैं।

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इस समय, विभिन्न स्थानों पर सम्पूर्ण मानसून के साथ भारी बारिश होती है जिससे जलभराव होता है और रस्सी डाले गए पानी में मच्छरों के लिए अधिक बढ़ोतरी का सामर्थ्य होता है। इन स्थानों में लोगों की स्वच्छता पर काम करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वच्छता की कमी से मच्छरों को पानी जमा करने के लिए अधिक स्थान मिलता है।

मलेरिया से बचाव कर शरीर को स्वस्थ रखे :

मलेरिया से बचाव के लिए कुछ उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है जो आपको इस बीमारी से बचा सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. मच्छर नेट (Mosquito Net): सोने के समय, खिड़कियों और दरवाजों के पास मच्छर नेट का उपयोग करें। इससे रात्रि में मच्छरों से बचा जा सकता है।
  2. कीटनाशक (Insect Repellent): खुले जगहों में रहने के दौरान कीटनाशक स्प्रे और क्रीम का उपयोग करें। इससे मच्छरों को आपके पास आने से रोका जा सकता है।
  3. जल एकत्रिति का ध्यान रखें (Avoid Stagnant Water): पानी इकट्ठा न होने दें और खुले जगहों पर पानी जमा न होने दें। मच्छर ज्यादातर स्टैंडिंग पानी में ही प्रजनन करते हैं।
  4. स्वच्छता का ध्यान रखें (Maintain Cleanliness): अपने आस-पास के इलाके की स्वच्छता का ध्यान रखें। स्वच्छता की कमी से मच्छरों को बढ़ोतरी का सामर्थ्य होता है।
  5. मलेरिया के लक्षणों का ध्यान रखें (Be Aware of Malaria Symptoms): मलेरिया के लक्षणों को समझें और यदि आपको लगता है कि आपको मलेरिया हो सकता है, तो तुरंत चिकित्सा परामर्श के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
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क्या मानसून के बाद मलेरिया बढ़ता है? – एक सार्वजनिक धारणा

मानसून सीजन में मलेरिया के नियंत्रण की चुनौती होती है लेकिन यह सच नहीं है कि मानसून के बाद ही मलेरिया बढ़ता है। वास्तव में मलेरिया के प्रकारों के आधार पर इसका प्रभाव समय-समय पर बदल सकता है। भारत में मलेरिया के प्रकारों में सबसे आम तौर पर पाए जाने वाला प्रकार “प्लासमोडियम फैलिसिपरम” है और यह मानसून सीजन में अधिक प्रभावित होता है।

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हालांकि, बहुत से फैक्टर्स इस बीमारी के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं जैसे कीटनाशकों का उपयोग, स्वच्छता का ध्यान रखना और समुदायों में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करना। इन उपायों का पालन करके हम मलेरिया को नियंत्रण कर सकते हैं और समुदाय को स्वस्थ रख सकते हैं।

FAQs :

Q: मलेरिया किस वयस्कता वर्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है?

A: मलेरिया ज्यादातर बच्चों और बूढ़े व्यक्तियों को प्रभावित करता है लेकिन यह किसी भी वयस्कता वर्ग को नहीं छोड़ता है।

Q: मलेरिया से बचाव के लिए किसी खास वैक्सीन का उपयोग किया जा सकता है?

A: अभी तक किसी खास वैक्सीन का विकास नहीं हुआ है जो मलेरिया से बचाव कर सके। हालांकि, वैज्ञानिक इस दिशा में लगातार अध्ययन कर रहे हैं।

Q: क्या मलेरिया गंभीर बीमारी है?

A: हां, अगर समय रहते मलेरिया के लक्षणों का पता नहीं चलता है और इसका इलाज नहीं होता है तो यह गंभीर बीमारी बन सकती है और जीवन को ख़तरे में डाल सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

क्या मानसून के बाद बढ़ेगा मलेरिया का प्रकोप ? इस प्रश्न के उत्तर के साथ साथ आपको और भी कई चीजों के उत्तर मिल चुके है। मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जो मौसम के परिवर्तन, विशेष रूप से मानसून के आगमन के समय ज्यादातर प्रभावित होती है। मानसून सीजन में मलेरिया के मामूला नियंत्रण की चुनौती बनी रहती है और इस समय मलेरिया के प्रकारों के प्रभाव में भी बदलाव हो सकता है।

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अच्छी और नियमित स्वच्छता, कीटनाशकों का उपयोग और समुदायों में जागरूकता के माध्यम से हम मलेरिया से बच सकते हैं। इस बीमारी के लक्षणों को पहचानने और समय रहते इलाज करवाने का महत्व है। मलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाने और इससे बचाव के उपायों का पालन करने से हम अपने समुदाय को स्वस्थ रख सकते हैं।