भारतीय संसद का 75 सालों का सफर

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संसद के बारे में

गुलामी के अंधकार से... भारतीय संसद के 75 सालों का सफर

18 जनवरी 1927 को स्थापित हुआ पुराना संसद भवन आजादी के बाद से भारतीय लोकतंत्र के साक्षी रहा है।

96 साल बाद आज यह रिटायर हो गया है। 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने इसमें बम फेंक कर ब्रिटेन तक हलचल मचा दी थी।

संविधान निर्माण

देश के संविधान निर्माण के लिए लंबी चर्चा इसी पुराने संसद भवन में चली थी। 

मच्छरों द्वारा बीमारियाँ 

26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ और डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहले राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला।

25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक चले आपातकाल को भी पुराने संसद भवन ने देखा।

75 वर्ष में पुराने संसद भवन ने 3 संयुक्त सत्र भी देखे। इनमें से एक संयुक्त सत्र आतंकवाद निरोधक विधेयक (पोटा) के लिए बुलाया गया था।

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