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1913 में धुंधड़कार नामक फिल्म भारत की सबसे पहली फीचर फिल्म थी।
इसे दादासाहेब फाल्के ने बनाया था। धुंधड़कार का निर्माण महज Rs. 15,000 के बजट में हुआ था। यह एक नीमूट फिल्म थी जिसमें ध्वनि नहीं थी।
फिल्म की कहानी एक युवा जोड़े के इर्द-गिर्द घूमती थी जिनका प्यार उनके परिवारों के विरोध का सामना करता है।
फिल्म में लाला देवी, गोपी कृष्ण मुखर्जी और विष्णु पी. मदान जैसे कलाकारों ने अभिनय किया।
धुंधड़कार को मुंबई के कोरोनेशन सिनेमा में रिलीज़ किया गया था। दर्शकों को फिल्म बेहद पसंद आई।
फिल्म को ब्रिटिश साम्राज्य में भी प्रदर्शित किया गया, जहां भी इसे सराहा गया।