गुड़ – Gud Khane Ke Fayde & Kaisa gud khana chahiye

Last Updated on July 1, 2023 3:47 pm by AyurvedJi

चलिए जानते है गुड़ खाने के फायदे के बारे में। मिठाई और चीनी की अपेक्षा गुड़ ज्यादा अच्छा होता है और जल्दी पच जाता है। शक्कर की अपेक्षा गुड़ को पचने में कम समय लगता है ।

गुड़ के बारे में कुछ विशेष बाते :

गुड़ में गन्ने के रस के सभी विटामिन्स और मिनिरल्स सुरक्षित रहते हैं। गन्ने के रस में से अधिकांश पानी जला देने से गुड़ बनता है।

गुड़ जैसे-जैसे पुराना होता जाता है, अधिक शीतल होता जाता है ।

जिन स्त्रियों को असमय गर्भस्राव हो गया हो उन्हें पुराना गुड़ और बाजरा खाना लाभप्रद है ।

1 वर्ष पुराना गुड़ अच्छा होता है, 3 वर्ष पुराना गुड़ ज्यादा अच्छा होता है। कुछ औषधियों में 5 वर्ष से 20 वर्ष तक का पुराना गुड़ उपयोग में लाया जाता है |

पुराना गुड़ पचने में हल्का होता है

कैसा गुड़ खाना चाहिये – पुराना या नया :

पुराने गुड़ खाने के क्या फायदे होते हैं ?

  • मेहनत करने के बाद गुड़ खाने से थकावट उतर जाती है। परिश्रमी लोगों के लिए गुड़ एक अच्छा खाद्य पदार्थ होता है ।
  • गुड और अदरक साथ लेने से कफ संबंधी रोग दूर होते हैं ।
  • गुड़ और हरर को साथ लेने से पित्त संबंधी रोग दूर होते हैं ।
  • गुड़ और सौठ को साथ लेने से वायु संबंधी रोग दूर होते हैं ।

नया गुड़ किसे नहीं खाना चाहिए ?

  • पित्त प्रकृति वालों को नया गुड़ कभी नहीं खाना चाहिए ।
  • चर्मरोग (त्वचा संबंधी रोग ), दाँतों के रोग, और आँखों के रोगों में भी नया गुड़ नहीं खाना चाहिए ।
  • नये गुड़ का सेवन जुकाम, बुखार और मन्दाग्नि में भी नहीं करना चाहिए ।
  • मधुमेह ( डायबिटीज ) मे भी नया गुड़ नहीं खाना चाहिए ।
  • बसंत ऋतु में नये गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए ।
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Jaggery Benefits In Hindi

अलग-अलग बिमारियों में गुड़ खाने के प्रयोग की विधियाँ –

  • रक्त विकार वाले व्यक्ति को, चीनी के स्थान पर गुड़ की चाय, दूध, लस्सी आदि का सेवन करना चाहिए ।
  • भोजन करने के बाद 25 ग्राम गुड़ प्रतिदिन खाने से उदर वायु और उदर विकार ठीक हो जाते हैं तथा शरीर यौवनमय बना रहता है ।
  • गुड़ खाने से शारीरिक परिश्रम करने वाले लोगों की थकावट दूर हो जाती है ।
  • हृदय की दुर्बलता तथा शारीरिक शिथिलता में भी गुड़ खाना लाभकारी होता है।
  • दमा और सूखी खांसी में गुड़ और सरसों का तेल 10-10 ग्राम मिलाकर चाटना लाभकारी होता है ।
  • पुराना सूखा गुड़ पीसकर, उसमें पिसी हुई सोंठ मिलाकर सूंघने से हिचकियां आना बंद हो जाती हैं ।
  • गुड में दूध मिलाकर पीने से पेशाब साफ और खुलकर आता है ।
  • सर्दी की ऋतु में गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी, जुकाम, खांसी, दमा आदि रोग दूर हो जाते हैं ।
  • गुड़ को जलाकर कानखजूरे के दंश पर लगाने से लाभ होता है । दंश के कारण सूजन आई हो तो वह भी मिट जाती है ।

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