April 29, 2024
दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र : Durga Ashtottara Stotram 108 Names In Hindi

दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र : Durga Ashtottara Stotram Pdf 108 Names In Hindi

माँ दुर्गा के इस दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र में माता के 108 नाम वर्णित है जिनके पाठ करने से माँ शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती है।

भगवान शिव जी कहते है की इस स्तोत्र के पढ़ने और स्मरण मात्र से देवी दुर्गा प्रसन्न हो जाती है। जो भी भक्त इस स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करते है और इससे माँ की उपासना करते है उन पर माँ की कृपा सदा बना रहती है। ऐसे भक्तो की सभी मनोकामनाये पूर्ण होती है और किसी नकारात्मक शक्ति का उस पर कोई प्रभाव नहीं होता है।

Durga Ashtottara Stotram PDF Lyrics हिंदी में Download करने का Link नीचे दिया गया है।

दुर्गाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् Shree Durga Ashtottara Stotram Lyrics With Hindi Meaning

इस स्तोत्र को हिंदी अर्थ सहित दिया गया है और नीचे भी अलग से हिंदी में नाम लिख दिए गए है।

दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र Video Bhajan Lyrics

Durga Ashtottara Stotram

श्री दुर्गा अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् माता दुर्गा के 108 नाम

शतनाम प्रवक्ष्यामि शृणुष्व कमलानने ।
यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती ।१।

अर्थ 1– कमलानने! अब मैं अष्टोत्तरशतनाम का वर्णन करता हूँ जिसके पाठ या श्रवण मात्र से परम साध्वी भगवती दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं।

ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी ।
आर्या दुर्गा जया चाद्या त्रिनेत्रा शूलधारिणी ।२।

अर्थ 2– ॐ सती, साध्वी, भवप्रीता (भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली), भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी।

पिनाकधारिणी चित्रा चण्डघण्टा महातपाः ।
मनो बुद्धिरहंकारा चित्तरूपा चिता चितिः ।३।

अर्थ 3– पिनाकधारिणी (शिव का त्रिशूलधारण करने वाली), चित्रा, चंडघंटा (प्रचंड स्वर से घंटानाद करने वाली), महातपा (भारी तपस्या करने वाली), मन (मनन-शक्ति), बुद्धि (बोधशक्ति), अहंकारा (अहंता का आश्रय), चित्तरूपा, चिता, चिति (चेतना)

सर्वमन्त्रमयी सत्ता सत्यानन्दस्वरूपिणी ।
अनन्ता भाविनी भाव्या भव्याभव्या सदागतिः।४।

अर्थ 4– सर्वमंत्रमयी, सत्ता (सत्-स्वरूपा), सत्यानन्दस्वरूपिणी, अनंता (जिनके स्वरुप का कहीं अंत नहीं), भाविनी (सबको उत्पन्न करने वाली), भाव्या (भावना और ध्यान करने योग्य), भव्य (कल्याणरूपा), अभव्या (जिससे बढ़कर भव्य कहीं नहीं है), सदागति।

See also  शिव अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र : Shiv Shatnam Stotram PDF Lyrics | 108 Names in Hindi/English

शाम्भवी देवमाता च चिन्ता रत्नप्रिया सदा ।
सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी ।५।

अर्थ 5– शाम्भवी (शिवप्रिया), देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी।

अपर्णानेकवर्णा च पाटला पाटलावती ।
पट्टाम्बरपरीधाना कलमञ्जीररञ्जिनि ।६।

अर्थ 6– अपर्णा (तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली), अनेकवर्णा (अनेक रंगों वाली), पाटला (लाल रंग वाली), पाटलावती (गुलाब के फूल या लाल फूल धारण करने वाली), पट्टाम्बरपराधीना (रेशमी वस्त्र पहनने वाली), कमलमंजीर-रंजनी (मधुर ध्वनि करने वाले मंजीर को धारण करके प्रसान रहने वाली)

अमेयविक्रमा क्रूरा सुंदरी सुरसुन्दरी ।
वनदुर्गा च मातङ्गी मतङ्गमुनिपूजिता ।७।

अर्थ 7– अमेयविक्रमा (असीम पराक्रम वाली), क्रूरा (दैत्यों के प्रति कठोर), सुंदरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता।

ब्राम्ही माहेश्वरी चैन्द्री कौमारी वैष्णवी तथा ।
चामुंडा चैव वाराही लक्ष्मीश्च पुरुषाकृतिः।८।

अर्थ 8– ब्राह्मी, माहेश्वरी, ऐन्द्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुण्डा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृतिः।

विमलोत्कर्षिणी ज्ञाना क्रिया नित्या च बुद्धिदा ।
बहुला बहुलप्रेमा सर्ववाहनवाहना ।९।

अर्थ 9– विमला, उत्कर्षिणी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रेमा, सर्ववाहनवाहना।

निशुम्भशुम्भहननी महिषासुरमर्दिनी
मधुकैटभहन्त्री च चण्डमुण्डविनाशिनी ।१०।

अर्थ 10– निशुम्भ-शुम्भहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहन्त्री, चंडमुंडविनाशिनी।

सर्वासुरविनाशा च सर्वदानवघातिनी ।
सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वास्त्रधारिणी तथा।११।

Durga Ashtottara Stotram Durga Satnam
दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

अर्थ 11– सर्वासुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी।

अनेकशस्त्रहस्ता च अनेकास्त्रस्य धारिणी ।
कुमारी चैककन्या च कैशोरी युवती यतिः।१२।

अर्थ 12– अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति।

अप्रौढ़ा चैव प्रौढ़ा च वृद्धमाता बलप्रदा ।
महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला ।१३।

अर्थ 13– अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला।

अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्रिस्तपस्विनी ।
नारायणी भद्रकाली विष्णुमाया जलोदरी ।१४।

अर्थ 14– अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी।

शिवदूती कराली च अनंता परमेश्वरी ।
कात्यायनी च सावित्री प्रत्यक्षा ब्रम्हवादिनी ।१५।

अर्थ 15– शिवदूती, कराली, अनंता (विनाशरहिता), परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा, ब्रम्हवादिनी।

य इदं प्रपठेन्नित्यं दुर्गानामशताष्टकम ।
नासाध्यं विद्यते देवि त्रिषु लोकेषु पार्वति ।१६।

अर्थ 16– देवी पार्वती ! जो प्रतिदिन दुर्गा जी के इस अष्टोत्तर शतनाम का पाठ करता है, उसके लिए तीनों लोकों में कुछ भी असाध्य नहीं है।

See also  देवी माँ मनसा चालीसा पाठ : Mansa Chalisa Pdf Lyrics

धनं धान्यं सुतं जायां हयं हस्तिनमेव च ।
चतुर्वर्गं तथा चांते लभेन्मुक्तिं च शास्वतीम ।१७।

अर्थ 17– वह धन, धान्य, पुत्र, स्त्री, घोडा, हाथी, धर्मं आदि चार पुरुषार्थ तथा अंत में सनातन मुक्ति भी प्राप्त कर लेता है।

कुमारीं पूजयित्वा तु ध्यात्वा देवीं सुरेश्वरीम् ।
पूजयेत परया भक्त्या पठेन्नामशताष्टाकम्।18।

अर्थ 18– कुमारी का पूजन और देवी सुरेश्वरी का ध्यान करके पराभक्ति के साथ उनका पूजन करे, फिर अष्टोत्तरशतनाम का पाठ आरम्भ करे।

तस्य सिद्धिर्भवेद् देवि सर्वैः सुरवरैरपि ।
राजानो दासतां यान्ति राज्यश्रियमवाप्नुयात् ।19।

अर्थ 19– देवि! जो ऐसा करता है, उसे सब श्रेष्ठ देवताओं से भी सिद्धि प्राप्त होती है. राजा उसके दास हो जाते हैं. वह राज्यलक्ष्मी को प्राप्त कर लेता है।

गोरोचनालक्तकुङ्कुमेन सिन्दूरकर्पूरमधुत्रयेण ।
विलिख्य यन्त्रं विधिना विधिज्ञो भवेत् सदा धारयते पुरारिः ।20।

अर्थ 20गोरोचन, लाक्षा, कुंकुम, सिन्दूर, कपूर, घी (अथवा दूध), चीनी और मधु- इन वस्तुओं को एकत्र करके इनसे विधिपूर्वक यंत्र लिखकर जो विधिग्य पुरुष सदा उस यंत्र को धारण करता है, वह शिव के तुल्य (मोक्षरूप) हो जाता है।

भौमावस्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते।
विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् सम्पदां पदम् ।21।

अर्थ 21– भौमवती अमावस्या की आधी रात में, जब चन्द्रमा शतभिषा नक्षत्र पर हो, उस समय इस स्तोत्र को लिखकर जो इसका पाठ करता है, वह सम्पत्तिशाली होता है।

इति श्री विश्वसारतन्त्रे दुर्गा अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र सम्पूर्ण

तो ये आपने पढ़ा है श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र। इस स्तोत्र में माँ के १०८ नाम है जिनका अर्थ भी दिया गया है। इसे पढ़े और लाभ उठाये।

Maa Durga Ke 108 Naam Ki List Shatanamavali

108 Names of Durga in Hindi

तो माँ दुर्गा के 108 नाम इस प्रकार है –

सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, मन, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुंदरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, ऐंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा और ब्रह्मावादिनी।

See also  महालक्ष्मी अष्टकम Pdf : Mahalakshmi Ashtakam Pdf Lyrics In Hindi & English with Meaning & Benefits

श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करे और माँ की कृपा प्राप्त करें।

तो ये आपने पढ़ा है माता दुर्गा के 108 नाम। माँ अपने बच्चो पर सदा प्रसन्न रहती है और यदि भक्त थोड़ी भी मेहनत से माँ की आराधना कर लें तो माँ अपने भक्तो की सभी मनोरथ अवश्य पूर्ण करती है और जैसे इस संसार की प्रत्येक माँ अपने बच्चे का पालन पोषण करती है वैसे ही देवी माँ भी अपने भक्तो का पालन पोषण करती है और हर प्रकार से रक्षा करती है।

दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र
दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

जय श्री दुर्गा मैय्या की जय

हम आशा करते है की आपको ये माता दुर्गा अष्टोत्तर सतनामावली स्तोत्र / Durga Ashtottara Stotram पसंद आया होगा। यदि आप कोई सुझाब हमारे साथ साझा करना चाहते है तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करे।

यह भी पढ़े :

माँ तारा चालीसा

माँ कामाख्या चालीसा

पुदीने के औषधीय गुण

Download Durga Ashtottara Stotram 108 Names PDF Lyrics In Hindi

Durga Ashtottara Stotram Satanamavali Pdf डाउनलोड करे – Download Durga Ashtottara Stotram Pdf

Q. माँ दुर्गा देवी की प्रसन्नता के लिये कौन से स्तोत्र है ?

Ans. माँ के लिये अनेक स्तोत्र है जैसे देवी दुर्गा अष्टोत्तर सतनामावली स्तोत्र, श्रीकृष्णकृतं दुर्गास्तोत्र, महिषासुरमर्दिनि स्तोत्र, श्री दुर्गा सहस्त्रनाम स्तोत्र ,श्री दुर्गा सप्तसती आदि। इन सभी स्तोत्र से माँ की आराधना कर सकते है।