Last Updated on September 4, 2023 9:16 pm by AyurvedJi
दही दूध से बना एक प्रसिद्ध और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ है। यह प्रोबायोटिक्स जैसे जीवाणुओं से बनता है जो दूध के लैक्टोज़ को लैक्टिक अम्ल में परिवर्तित कर देते हैं। इसको अक्सर एक स्वास्थ्यवर्धक भोजन माना जाता है क्योंकि यह कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है लेकिन इसे अधिक मात्रा में या गलत समय पर सेवन करने से दही खाने के नुकसान भी हो सकते हैं।
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दही खाने के नुकसान (Dahi Khane Ke Nuksan)
यह एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ माना जाता है। इसमें प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम, विटामिन बी-12 और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं लेकिन दही खाने के नुकसान भी होते हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है।
उच्च कैलोरी
इसमें उच्च मात्रा में कैलोरी होती है। एक कप प्लेन दही में लगभग 100-150 कैलोरी हो सकती है। यदि इसको शक्कर, फलों या अन्य स्वाद वाले चीजों के साथ खाया जाए तो कैलोरी और भी बढ़ जाती है।
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ज्यादा मात्रा में कैलोरी सेवन करने से वजन बढ़ सकता है। इसलिए कैलोरी का सेवन नियंत्रित रखना चाहिए। इसे छोटी मात्रा में खाना चाहिए थोड़ी थोड़ी कर के।
दही में चीनी
कई प्रकार के फ्लेवर वाले दही में अतिरिक्त चीनी या कृत्रिम मिठास मिलाई जाती है। यह स्वादिष्ट होते हैं लेकिन इनमें चीनी की मात्रा ज्यादा होती है। अधिक चीनी का सेवन वजन बढ़ा सकता है और डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है। इसलिए शक्कर या कृत्रिम मिठास वाली चीजों से बचना चाहिए और Normal Dahi को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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एलर्जी की समस्या
कुछ लोगों को दही से एलर्जी हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को लैक्टोज सहन नहीं होता है तो उसे इससे एलर्जी हो सकती है क्योंकि इसमें लैक्टोज होता है। यह एलर्जी के लक्षणों में पेट दर्द, दस्त, उल्टी और त्वचा पर रैश शामिल है इसलिए लैक्टोज एलर्जी वाले लोगों को दही से परहेज करना चाहिए।
ठण्ड से सामान्य रोग
दही की तासीर ठंडी होने के कारण इसे ठण्ड में खाने से ठण्ड से होने वाले रोग हो सकते है जैसे सर्दी जुकाम या गला दुखना आदि। इसीलिए ठण्ड में या अगर डॉक्टर ने ठण्डी चीजे खाने को मना की हो तो इसे नहीं खाना चाहिये उस समय।
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एसिडिटी की दिक्कत
कुछ लोगों को दही खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है। इस में मौजूद लैक्टिक एसिड पेट में एसिड का स्तर बढ़ा सकता है। एसिडिटी के लक्षणों में सीने में जलन, पेट फूलना और झुर्रियां आना शामिल है। एसिडिटी से पीड़ित लोगों को इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
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फैट फ्री दही के नुकसान
फैट फ्री या नॉनफैट में वसा की मात्रा कम होती है। लेकिन इस प्रकार के Dahi में अक्सर अधिक शक्कर या स्वाद बढ़ाने के लिए अन्य पदार्थ मिलाए जाते हैं। Fat Free Dahi खाने से भूख जल्दी लग सकती है और वजन बढ़ने का खतरा रहता है। साथ ही, इसमें पोषक तत्व कम हो सकते हैं।
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प्रोबायोटिक्स का अधिक सेवन
इसमें प्रोबायोटिक्स जैसे जीवाणु होते हैं जो पाचन तंत्र के लिए लाभदायक होते हैं। लेकिन इनके अत्यधिक सेवन से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ सकता है जिससे गैस, दस्त और अस्वस्थता हो सकती है।
खट्टापन
इसमें लैक्टिक अम्ल होता है जो इसे खट्टा बनाता है। कुछ लोगों के लिए यह खट्टापन ज्यादा हो सकता है जिससे पेट में जलन और असहजता हो सकती है।
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दही के साथ कौन सी चीजें न खाएं
- इसके साथ मीट नहीं खानी चाहिए क्योंकि इससे पाचन कठिन हो जाता है।
- इसके साथ फल नहीं खाने चाहिए क्योंकि कुछ फलों में मौजूद एंजाइम दही के पोषक तत्वों को नष्ट कर सकते हैं।
- दही के साथ चाय या कॉफ़ी नहीं पीनी चाहिए क्योंकि कैफ़ीन दही के पोषक तत्वों को अवशोषित होने से रोकता है।
- इस के साथ फ्राई फूड या जंक फूड नहीं खाना चाहिए क्योंकि ये दही के पोषक तत्वों को नष्ट कर देते हैं।
दही खाने के नुकसान से संबंधित FAQs :
दही खाने के क्या नुकसान हैं?
दही खाने के कुछ संभावित नुकसान इस प्रकार हैं:
इस में उच्च कैलोरी हो सकती है जो वजन बढ़ा सकती है।
कुछ में अधिक मात्रा में चीनी हो सकती है।
कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है।
इसे खाने से एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
फैट फ्री दही में पोषक तत्व कम हो सकते हैं।
दही किस मात्रा में खाना सही है?
निम्नलिखित दिशानिर्देश दही की सही मात्रा के बारे में हैं:
दिन में 1-2 कप से अधिक दही नहीं खानी चाहिए।
एक कप की मात्रा लगभग 150 ग्राम होनी चाहिए।
चीनी या फलों के साथ दही से बचना चाहिए।
इसे भोजन के रूप में न खाकर सलाद या छोटे आहार के रूप में लेना चाहिए।
फैट फ्री दही की जगह सादा दही लेना बेहतर है।
इसकी मात्रा और बारंबारता आयु और स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करती है।
दही खाने के नुकसान तो होते ही है किन्तु इस प्रकार संतुलित आहार और दिनचर्या के साथ दही का सेवन सही मात्रा में फायदेमंद है और गलत तरीके से खाना नुकसानदायक है।